मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के विधि संकाय द्वारा दिनांक 13 फरवरी से 17 फरवरी, 2023 तक पांच दिवसीय “यूज़ ऑफ इनोवेटिव पेडगॉजी इन हायर एजुकेशन” विषय पर फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में देश के अनेकों प्रबुद्ध जनों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम की मुख्य संरचना में संकाय अधिष्ठाता प्रो० (डॉ०) जे एस पी श्रीवास्तव एवं प्रो० (डॉ०) वी0के0 सिंह, प्रो० (डॉ०) अनुराग दीप, डॉ० नलनीश चंद्र सिंह, डॉ०अर्चना तिवारी, डॉ०संजय कुमार द्विवेदी, डॉ० पवन कुमार गुप्ता रहे।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ मदरहुड विश्वविद्यालय मदरहुड विश्वविद्यालय रुड़की के माननीय कुलपति प्रो० (डॉ०) नरेंद्र शर्मा जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए, कुलपति महोदय ने कहा की इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय में हमेशा होते रहना चाहिए। इससे शिक्षकों के शिक्षण छमता का विकास होता है । कुलपति महोदय ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बहुअनुशासनात्मक शोध के ऊपर प्रकाश डाला ।
स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय शाहजहांपुर के शिक्षा विभाग से सह आचार्य डॉ० विनीत श्रीवास्तव ने शिक्षण विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे नवीन तकनीकी खोजों पर प्रकाश डालते हुए उच्च शिक्षा में उनके प्रयोगों पर बल देने की बात कही। आई०एम०ई० लॉ कॉलेज, साहिबाबाद गाजियाबाद के प्राचार्य डॉ संजय कुमार बरनवाल ने विधि के क्षेत्र में नवीन शिक्षण तकनीकों के प्रयोग को विस्तृत रूप से समझाया।
फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से डॉ० सुधीर चतुर्वेदी, महाॠषि कॉलेज नोएडा से प्रो० (डॉ०) के०बी० अस्थाना, एमिटी यूनिवर्सिटी, प्रो० (डॉ०) ए०के० भट्ट, स्कूल ऑफ लॉ ब्लू होरा यूनिवर्सिटी इथोपिया प्रो० (डॉ०) प्रदीप शर्मा, प्रो० (डॉ०) जय शंकर सिंह अधिष्ठाता, विधि संकाय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज आदि ने अपने बहुमूल्य विचारों से सभी प्रतिभागयों को लाभान्वित किया।
पांच दिवसीय इस कार्यक्रम में सभी शिक्षाविदों ने विचार एवं शिक्षा के द्वारा भारत की विकास गति को बढ़ाने में अपने प्रयासों पर मत प्रकट किया इसी क्रम में प्रो० (डॉ०) जे एस पी श्रीवास्तव ने उच्च शिक्षा में नवीन तकनीकों का प्रयोग शिक्षण को बोधगम्य बनाने में सहायक है। इस फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के समापन सत्र में मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की के कुलसचिव डॉ० एन० के० यादव भी उपस्थित रहे। सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए प्रो० (डॉ०) वी0 के0 सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से जो विचार हम लोगों ने रखे हैं उनका प्रयोग भविष्य को और उज्जवल बनाने में सहायक साबित होगा।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से 91 शिक्षक एवं शोधार्थियों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम के संचालन में सहायक आचर्य श्री विवेक कुमार, डॉ० संदीप कुमार , श्री सतीश कुमार, रेनू तोमर, व्यंजना सैनी, कनिका जोशी, अनंदिता चटर्जी, सृष्टि सोरी, आदि ने सराहनीय सहयोग किया।