मदरहुड विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में नित नए आयाम विकसित कर रहा है इसी क्रम में विश्वविद्यालय ने कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान को गति देने के उद्देश्य से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो मऊ, उत्तर प्रदेश के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक जाना पहचाना संस्थान है जो की कृषि में सूक्ष्म जीवों के उपयोग पर नए-नए शोध करता है। ब्यूरो के निदेशक डॉक्टर आलोक कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में भारतीय कृषि क्षेत्र विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है जहां एक तरफ निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है वहीं दूसरी तरफ संघन कृषि प्रणाली अपनाने की वजह से भूमि की उर्वरता शक्ति निरंतर घटती जा रही है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि आज आवश्यकता इस बात की है कि किस प्रकार भूमि की उर्वरता शक्ति को क्षीण किए बिना अधिकतम उत्पादन लिया जा सके। ब्यूरो के निदेशक ने अपने वक्तव्य में जोर देकर कहा कि वर्तमान में सूक्ष्म जीवों जैसे राइजोबियम, एजोटोबेक्टर, माइकोर्रहिज़ा आदि के उपयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है जिसका कि हमें किसानों के मध्य बृहद स्तर पर प्रचार प्रसार करना होगा। संस्थान के निदेशक ने बताया कि उनका संस्थान निरंतर सूक्ष्म जीवों के पहचान, विकास, संवर्धन पर कार्य कर रहा है तथा मदरहुड विश्वविद्यालय के साथ एमओयू हो जाने से इसको और गति मिलेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने कहा कि निश्चित रूप से यह एमओयू हमारे शिक्षक, विद्यार्थियों एवं रुड़की परिक्षेत्र के किसानों के लिए भविष्य में उपयोगी सिद्ध होगा। इस अवसर पर कुलपति महोदय ने यह भी बताया कि मदरहुड विश्वविद्यालय भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना उन्नत भारत अभियान के अंतर्गत पांच गांवों को गोद लेने की दिशा में भी अग्रसर है और जल्द ही शिक्षा मंत्रालय के द्वारा इसका अनुमोदन प्राप्त हो जाएगा जिससे कि विश्वविद्यालय इन पांच गांवों के किसने के साथ मिलकर कृषि, स्वावलंबन, रोजगार की दिशा में भी कार्य करेगा
विश्वविद्यालय के निदेशक प्रशासन श्री दीपक शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में कृषि शोध एवं प्रसार की नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा। श्री अजय गोपाल शर्मा, कुलसचिव ने कहा कि विश्वविद्यालय दूसरे शोध संस्थानों के साथ एमओयू करने की दिशा में भी प्रयासरत है। कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र शर्मा ने इस एमओयू के लिए कृषि संकाय को बधाई देते हुए संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर कृष्ण पाल चौहान की प्रशंसा की एवं भविष्य में कृषि के क्षेत्र में नए आयाम लाने के लिए प्रेरित किया I