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मदरहुड़ विश्वविद्यालय, रुड़की के विज्ञान संकाय, में ‘‘उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदा’’ पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया आज दिनांक 25 नवम्बर 2022 को किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय, देहरादून के कुलपति प्रो0 (डॉ0) सुनील जोशी, प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा, कुलपति, मदरहुड़ विश्वविद्यालय व विशिष्ट अतिथि ‘ग्रीनमैन ऑफ इण्डिया’ श्री विजयपाल बघेल ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर प्रो0 (डॉ0) सुनील जोशी ने उत्तराखण्ड की प्राकृतिक आपदाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रो0 (डॉ0) सुनील जोशी ने बताया कि वर्तमान में प्रदूषण एवं प्राकृतिक आपदा पर्यावरण के लिये एक चिन्ता का विषय है। डॉ0 जोशी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा आज उत्तराखण्ड के लिये एक समस्या है जिससे हर साल जनहानि के साथ-साथ व्यापक पर्यावरण हानि भी होती है। इस अवसर पर उन्होेनें उत्तरकाशी भूकम्प 1991 की आपदा में अपनी टीम के सदस्यों द्वारा किए गए बचाव कार्यों के बारे में अपने अनुभव साझा किए।
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा, कुलपति, मदरहुड़ विश्वविद्यालय ने अध्यक्षीय उद्घोषण में कहा कि प्राकृति आपदा को पर्यावरण सुरक्षा के जरिये है निपटाया जा सकता है। प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा ने कहा कि जनमानस के पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरुक करके ही हम सभी तरह की प्राकृतिक आपदाओं से बच सकते है। प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा ने बताया कि उत्तराखण्ड में प्राकृतिक आपदाओं का प्रबन्धन उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रबन्धन राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एन0डी0आर0एफ0) द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए जान-माल की सुरक्षा करना है। प्रो0 (डॉ0) नरेन्द्र शर्मा ने उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं शोध केन्द्र (यू0एस0ई0आर0सी0) को इस कार्यशाला के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद प्रेषित किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ‘ग्रीनमैन ऑफ इण्डिया’ श्री विजयपाल बघेल ने उत्तराखण्ड में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सभी लोगों को जागरुक रहने के लिये प्रेरित किया। श्री विजयपाल बघेल ने बताया कि उत्तराखण्ड में पहाड़ों के कटान से प्राकृतिक आपदा की समस्या काफी बढ़ गयी है। श्री विजयपाल बघेल ने प्रकृति को बचाने के लिए अधिक से अधिक वृक्ष लगाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि अगर हमने आज पेड़ नहीं लगाये तो आने वाली पीढ़ी को आक्सीजन सिलेण्डर लेकर स्कूल जाना पड़ेगा। इस अवसर पर श्री विजयपाल बघेल ने आपदा प्रबन्धन को शैक्षिक पाठ्यक्रम में लागू करने पर बल दिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ0 एन0के0 यादव, निदेशक शैक्षणिक डॉ0 विनय कुमार सिंह, डॉ0 विकास गुप्ता, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय एवं विभिन्न विभागों के अधिष्ठाता, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन व संयोजक डॉ0 अभिषेक स्वामी, डीन ऑफ स्टूडेन्ट वेलफेयर ने किया।
इस अवसर पर विज्ञान संकाय के सभी प्राध्यापकगण डॉ0 एस0के0 तिवारी, डॉ0 सुबीर मैती, डॉ0 नीलाक्षी पाण्डे, श्रीमति सोनिया सिंह, मिस जौली, मिस शिवाली, मिस लवली, अंकित शर्मा, डॉ0 अवधेश कौशल एवं वरूण वर्मा आदि उपस्थित रहे। यह कार्यशाला उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा प्राप्त वित्तीय सहायता से किया गया।