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आज दिनाँक 29 अगस्त 2022, सोमवार को मदरहुड़ विश्वविद्यालयए रूड़की के वाणिज्य एवम् प्रबन्धन संकाय द्वारा आधुनिक शिक्षा जगत् पर अध्यापन शास्त्र के प्रभाव विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता आई० बी० एस० गुरूग्राम से पहुंची ड़ा० अनुपमा ड़ी० रैना का रहना हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता वाणिज्य एवंम् व्यवसाय शिक्षा संकाय के अधिष्ठाता प्रो० ड़ा० पी० के० अग्रवाल जी ने की तथा संचालन ड़ा० ज्योति साह ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मा० कुलपति महोदय, ड़ा० अनुपमा ड़ी० रैना, प्रो० ;ड़ा०द्ध वी० के० सिंह और प्रो० ;ड़ा०द्ध पी० के० अग्रवाल जी ने माँ शारदा के समक्ष दीपोज्वलन कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो० ड़ा० पी० के० अग्रवाल ने अपने आरम्भिक शब्दों में अध्यापन विज्ञान और आधुनिक शिक्षा पर प्रकाश ड़ाला। ड़ा० अग्रवाल जी ने कहा हमारा उद्देश्य केवल शिक्षा नही, अपितु शिक्षा के साथ संस्कृति और संस्कार भी है। नयी शिक्षा नीति में इन सभी पहलुओं का ध्यान रखा गया है, उसी क्रम में इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
मुख्य अतिथि अभिभाषण में मा० कुलपति प्रो० ;ड़ा०द्ध नरेन्द्र शर्मा जी के शिक्षा, शिक्षक और शिक्षार्थी विषय पर सभी आगुन्तकों का ध्यान केन्द्रित किया, प्रो० शर्मा ने बताया कि समय की माँग और टैक्नोलॉजी का प्रयोग कर शिक्षा को किस तरह सरल और सुगम बनाया जा सकता है। माननीय ने नयी शिक्षा नीति का आधुनिक शिक्षा क्षेत्र में उपयोग और भविष्यगामी इसके सकारात्मक परिणामों का जिक्र करते हुए कहा कि अगले 20 वर्षाे में भारत शिक्षा क्षेत्र में अग्रणिय भूमिका निभायेगा।
आई० बी० एस० गुरूग्राम से मुख्य वक्ता ड़ा० अनुपमा ड़ी० रैना ने कहा कि शिक्षा के इस चौहमुखी विकास के समय आधुनिक शिक्षा जगत का अध्यापन शास्त्र से जुड़ाव के बिना संभव ही नही है। ड़ा० रैना ने कहा, हर एक शिक्षक को विधार्थी को केवल किताबी ही नही व्यवहारिक जानकारियों से भी रूबरू करना आवश्यक है यही समय की माँग और बेहतर शिक्षा की ठोस नींव है। इस विषय पर प्रकाश ड़ालते हुए ड़ा० रैना ने ब्लूम्स सूत्रों की व्याख्या की जो स्मरण शक्ति, शिक्षा की समझ, शिक्षा का प्रयोग, शिक्षा का आकलन, शिक्षा का मूल्यांकन और निर्माण की स्थिति पर टिका हुआ है।
कार्यशाला कोे मदरहुड़ विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता तथा प्रधानाचार्यो के साथ शिक्षकगणों की प्रतिभागिता एवं सहयोग विषय की गंभीरता का परिदृश्य रहा।
डा० स्नेहाशीष भारद्वाज ने कार्यक्रम समापन में विश्वविद्यालय और वाणिज्य एवंम् व्यवसाय शिक्षा संकाय की ओर से मा० कुलपति महोदय को भी अपना मूल्यवान समय और आशीष वचनों के लिए धन्यवाद दिया, शैक्षणिक निदेशक प्रो० ;ड़ा०द्ध वी० के० सिंह को धन्यवाद कहा, गुरूग्राम से पहंुची ड़ा० अनुपमा ड़ी० रैना का विशेष तौर पर धन्यवाद कहा, श्री लाल बहादुर सिंह, ब्रांच मैनेजर आई० बी० एस० देहरादून का उल्लेखनीय योगदान के लिए विशेष धन्यवाद दिया तथा सभी अगुन्तकों का धन्यवाद किया ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में ड़ा० राहुल शर्मा, ड़ा० राजुल दत्त, ड़ा० रिचा शर्माए सचिन कुमारए अंकुर सिंहए मधु रानीए कार्तिक नायडू हरीश कुमार, करूणा धीमान, साक्षी करन, राजवीर सिंह आदि का विशेष योगदान रहा।