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आज दिनांक 10 सितम्बर 2022 दिन शनिवार को मदरहुड विश्वविद्यालय, रूड़की के वाणिज्य एवं प्रबंधन संकाय द्वारा BLOOM’S TAXONOMY AND LESSON PLAN DESIGN विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अधिष्ठाता प्रो. डा. पी के अग्रवाल जी ने की, मुख्य प्रशिक्षक साक्षी कर्ण रही तथा व्यवस्था एवं मंच संचालन सुश्री मधु रानी ने किया।
प्रो॰ पी॰के॰ अग्रवाल ने कार्यशाला का शुभारम्भ माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष ज्योति दीप व पुष्पाजंली, तथा सरस्वती वंदना के साथ किया, उन्होंने ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में ब्लूम्स लर्निंग टेक्निक का प्रयोग शिक्षा जगत में एक बड़ी क्रान्ति का सूचक बताया है, उन्होंने इसके प्रयोग और शिक्षार्थियों पर इसके प्रत्यक्ष असर का भी वर्णन किया। सर्वे का उदाहरण देते हुए, प्रो॰ अग्रवाल ने विद्यार्थियों पर पड़ने वाले इसके सकारात्मक परिणामों की अनुगणना पारम्परिक शिक्षण प्रणाली से लगभग 30 प्रतिशत अधिक बताया। उनका मानना है कि अगर शिक्षा प्रणाली को शिक्षकों के बीच सही से वितरण किया जाए तो यह हमारे विश्वविद्यालय एवं शिक्षकों के विकास में सहयोग करेगा।
इस मौके पर मदरहुड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो॰ ;ड़ा॰द्ध नरेन्द्र शर्मा जी ने इस कार्यशाला की आयोजन समिति को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशाला एवं शिक्षण रणनितियों की तरह विश्वविद्यालय के सभी संकायों में करायी जानी चाहिए ताकि नयी शिक्षा निति के अनुसार विश्वविद्यालय में पठन-पाठन की किया सुचारू रूप से चलती रहे और इस कार्यशाला में ड़ा॰ सुरेश चन्द्र बोहिदार प्रमुख अध्यक्ष ट्रेनिंग और प्लेसमेंट ने आयोजन समिति को अपनी शुभकामनाएं दी।
मुख्य प्रशिक्षक सुश्री साक्षी कर्ण ने कार्यशाला में ब्लूम्स लर्निंग के संदर्थ मंे बताने से पहले सभी उपस्थित शिक्षकों का धन्यवाद दिया कि वे अपने किमती समय को इस कार्यशाला को दे रहे है और यह कार्यशाला उनकी शिक्षण रणनितियों में सुधार लेकर आएगी और वें अपने विषय की विषय-सूची को सही क्र्रम में वितरित कर पायेगें। जिससे कि छात्रों के मूल्याकंन सही क्रम और सही तरीके से किए जा सकेगें।
सुश्री साक्षी कर्ण ने ब्लूम्स लर्निंग के बेसिक कन्सेप्ट पर सभी आगुन्तकों का ध्यान आकर्षित करते हुए लर्न, रिमैम्बंिरंग और इवैल्यूटिंग पर विशेष जोर दिया। साक्षी कर्ण ने अपने सम्बोधन मंे शिक्षकों के द्वारा लिए जाने वाले छोटे-छोटे प्रयोगों से शिक्षार्थियों के बौधिक स्तर पर होने वाले बड़े बदलावों का जिक्र किया।
कार्यशाला की रणनितियों को सही माध्यम से समझाने के लिए शिक्षकों के साथ एक प्रैक्टिकल कराया गया जिसमें की वें अपनी शिक्षा रणनितियों को ब्लूम्स के दिए गए लर्निग स्तर पर श्रेणीबंध कर सके। यह प्रैक्टिकल सभी शिक्षकों के लिए महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहा।
कार्यशाला मेेेेेें मदरहुड विश्वविद्यालय के अलग-अलग संकायों से 60 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
मंच संचालिका सुश्री मधु रानी ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों तथा शिक्षको को धन्यवाद दिया। कार्यशाला में वाणिज्य एवं व्यवसाय संकाय से ड़ा॰ रिचा शर्मा, ड़ा॰ राहुल शर्मा, ड़ा॰ स्नेहाशीष भारद्वाज, ड़ा॰ ज्योति साह, कार्तिक नायडू, अमित पंवार, सचिन कुमार अंकुर सिंह, विवेक शर्मा, राजवीर सिंह कार्यशाला को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।